गुरुदास : परम पूज्य गुरुदेव, नीम किन-किन रोगों में प्रयोग होता है तथा उससे किन-किन रोगों का उपचार होता है ?

परम पूज्य गुरुदेव : अगर कोई व्यक्ति जिन्हें टी.बी. है, अगर तीन माह नीम की छाया में सो जाये तो उसका टी.बी. रोग भी ठीक हो जायेगा। ऐसा नीम की हवा में प्रभाव है। जो भी व्यक्ति नीम की पत्तियों का प्रयोग करता है, नीम के फलों का सेवन करता है, उसे यह बात ध्यान में रखनी चाहिए कि नीम के पत्तों को संध्या के समय नहीं तोड़े।

इस जगत में नीम, पीपल तथा वट वृक्ष ऐसे पेड़ हैं जिसके नीचे रात-दिन सोया जा सकता है, रहा जा सकता है। अन्यथा ऐसा दूसरा कोई भी वृक्ष नहीं है। यह नीम एलर्जी के लिए, खांसी, कफ, बालों, त्वचा, लीवर, किडनी, कैंसर, ट्यूमर, टी.बी. के लिए रामबाण औषधि है। ऐसा कोई भी रोग नहीं है जिसमें नीम का प्रयोग नहीं होता है। जो भी व्यक्ति नीम का सेवन करता है तो उन्हें इन बातों का ध्यान अवश्य रखना चाहिए कि अलग-अलग रोगों के लिए अलग-अलग तोड़ने की विधि है। इनके अलग-अलग तोड़ने का समय है तथा अलग-अलग तोड़ने का मंत्र है। जिन व्यक्तियों को ट्यूमर है, कफ है, एलजी है, अस्थमा है तो उन्हें नीम दोपहर 2 बजे के बाद तोड़ना चाहिए। जो व्यक्ति मंत्र के साथ नीम के पत्ते उचित समय पर तोड़ता है तथा सुबह उबालने के बाद सेवन करता है, ऐसे व्यक्ति उक्त रोगों से मुक्ति पा जाते हैं।

जिन स्त्रियों के बाल गिरते हैं या जिनके आँखों के नीचे कालिमा आ जाती है। वह सुबह के समय मंत्र के साथ नीम के पत्ते को तोड़ते हैं तथा केले एवं टमाटर के रस के साथ नीम की पत्तियों के रस को मिलाकर आँखों के नीचे अर्थात् कालिमा वाली जगह पर रसों को लगाते हैं तो पंद्रह दिन के अंदर उनका कालापन दूर हो जायेगा। इसी प्रकार नीम का अलग-अलग रोगों में अलग-अलग उपयोग है। अर्थराइटिस, गैस तथा रूमाटिज्म जैसे रोगों में भी नीम का प्रयोग होता है। कैंसर का इस धरती पर कोई इलाज नहीं है परंतु सिर्फ नीम से ही कैंसर रोग से मुक्ति पाई जा सकती है। इस नीम में दिव्य गुण हैं, औषधीय गुण हैं। अगर किसी व्यक्ति को नींद नहीं आती है तो ऐसे व्यक्ति सुबह नीम के तीन पत्ते तोड़ लें और तीन तुलसी के पत्ते तोड़ लें। तत्पश्चात् उन पत्तों को तकिये के नीचे रख लें तथा मंत्र ‘तद्विद्धि प्रणिपातेन…’ का तीन बार उच्चारण करें तो ऐसे व्यक्ति को पन्द्रह मिनट में नींद आ जायेगी। ऐसे व्यक्ति को किसी चिकित्सक के पास जाने की या नींद की दवाई का प्रयोग करने की जरूरत नहीं है।

एड्स को दूर करने के लिए नीम का प्रयोग किया जा सकता है। लेकिन उसके लिए दैवीय आह्वान करना जरूरी है। इसके लिए सूर्य का मंत्र है। जिस भी व्यक्ति को वायरल अटैक करेगा या एड्स होगा तो उसका सूर्य ग्रह सदा कमजोर होगा। सूर्य की जो आभा है तथा शनि का जो प्रकोप है एवं राहु-केतु की जो दशा है, उसकी वजह से वायरस होता है या एड्स होता है। अगर सूर्य के मंत्र के साथ नीम का प्रयोग करेंगे तो एड्स जैसे रोगों से भी मुक्ति प्राप्त करेंगे।

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