प्रश्न : परम पूज्य गुरुदेव, हम लोग गाय को माता मानते हैं, देवी तुल्य मानते हैं। हमारे हिन्दू संस्कृति में गाय का बहुत अधिक महत्व है। कृपया यह बताने की कृपा करें कि गाय हमारे लिए कितनी उपयोगी है ? 

परम् पूज्य गुरुदेव : आधुनिक विज्ञान मनुष्य से पूर्व का जन्म बंदर को मानते हैं। जबकि वैदिक विज्ञान जो है वह मानव की उत्पत्ति गाय से मानता है। यह आश्चर्य की बात नहीं है कि जो मानव प्रतिदिन गाय के मूत्र का सेवन करता है तो उसके शरीर में नुकसान पहुँचाने वाले बैक्टीरिया का अंत हो जाता है। गाय के गोबर में इतने गुण हैं कि गाँव में स्त्रियाँ गोबर का लेप घरों में करती हैं। इससे घर के अंदर कोई भी कीटाणु प्रभाव नहीं कर पाते हैं। गाय की हर चीज मनुष्य के काम आती है। जैसे गाय के नाखून से भी कई बीमारियां दूर होती हैं। अगर बच्चों को सोकड़ा हो जाता है। किसी को साइनोसाइटिस हो जाता है तो सिर्फ गाय के नाखून से धुआँ (धूनी) देने मात्र से रोगों का अंत हो जाता है। जिस प्रकार पीपल का वृक्ष सिर्फ आक्सीजन देता है। पीपल के वृक्ष की लोग पूजा करते हैं क्योंकि वह जीवनदायक वृक्ष है। ठीक उसी प्रकार गाय के मूत्र, गोबर, नाखून तथा दूध जीवनदायिनी है। अगर व्यक्ति शुद्ध मन से गाय की पूजा करे और यह प्रार्थना करे, ‘हे गाय माता मेरा यह कार्य पूरा हो जाये’ तो आदमी यह जानकर हैरान हो जाएगा कि कुछ समय के अन्दर ही उस आदमी के वह कार्य पूर्ण हो गया।

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